Kuch To Hai – Poetry | Tushar Basra | The Social House Poetry | Whatashort

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Poetry Credit:
Poetry Title – Kuch To Hai
Written By – Tushar Basra

Kuch Toh Hai Poetry

जिस जिस ने मुझे दूर से देखा

जिस जिस ने मुझे दूर से देखा

वो मेरे करीब आने लगे
और जिस जिस ने मुझे करीब से देखा

वो मेरे दूर जाने लगे

कि एहतेराम (Respect) बरकरार रखा
ऐतबार घटता गया

एहतेराम बरकरार रखा, ऐतबार घटता गया
मोहब्बत बेसुमार करी, लगाव घटता गया
दलीलो की मानो तो एक थे हम कभी

ये ख्वाब महफूज रखे

मगर जमीर बढ़ता गया

जमीर बढ़ता गया….

शिद्दत से एक घर बनाया था

कि तुमने रहना ही छोड़ दिया

बहुत बुलाया था तुम्हें हमने

फिर कहना ही छोड़ दिया..

कि कुछ तो है जो हमसे छुपा रखा होगा
तू है जो हमसे छुपा रखा होगा

कोई राज तो तुमने दबा रखा होगा

मैं जान लूंगा…

मैं जान लूंगा तुम ना भी बताओ अगर,

किसी को तो मेरे बाद तुम ने बता रखा होगा

मैं जान लूंगा तुम ना भी बताओ अगर

किसी को तो मेरे बाद तुम ने बता रखा होगा

वो सब झूठ था की मैं अपना हूं तुम्हारा
किसी को तो मेरे बाद तुमने

अपना बना रखा होगा..
वो सब झूठ था की मैं अपना हूं तुम्हारा
न जाने किस किस को तुमने

अपना बना रखा होगा…

हैरत है जादू तुम्हारा छोड़ जाने का
न जाने किस किस को तुमने

अपना बना रखा होगा,

हैरत है जादू तुम्हारा छोड़ जाने का

और किस पर तुमने ये आजमा रखा होगा…

कभी जुदा हो ना जाऊं कभी

खयाल रखा था मैंने

जुदा हो ना जाऊं कभी

ख्याल रखा था मैंने

वहम था कि ख्याल तुमने भी रखा होगा

वहम था कि यह ख्याल तुमने भी रखा होगा

कि आंसुओं ने मेरे गजब सा कर दिया

आंसुओं ने मेरे गजब सा कर दिया

जो मेरा ना था उसे भी मेरा कर दिया

दस्तूर जुदाई का कुछ यू रहा हमारी

रुला रुलाकर उसने मुझे परिंदा सा कर दिया
रुला रुलाकर उसने मुझे परिंदा सा कर दिया…

बातें उसकी सारी ठीक है

कि रुला रुलाकर उसने मुझे परिंदा सा कर दिया बातें उसकी सारी ठीक है

मगर वादों ने उसके शर्मिंदा सा कर दिया

(इसमें कब्र के मायने है कि – “मैंने यादों को दफन कर के रखा है” उसका मतलब यहां कब्र है)

मैंने अपनी कब्र खोली
मैंने अपनी कब्र खोली..
तो तस्वीर उसकी मिली

तस्वीर उसकी देखी तो चेहरा अपना दिखा,

चेहरा अपना देखा तो आंखें उसकी मिली,
आंखें उसकी देखीं तो दीदार अपना मिला

दीदार अपने में भी अश्क उसका दिखा,

अश्क उसके में भी परछाई अपनी दिखी,

परछाई अपनी में भी आहट उसकी सुनी

मुड़कर देखा तो मेरी कब्र पर वो खड़ी मिली।

शुक्रिया..

                                               –Tushar Basra