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Wo Mujhe Khilona Samajhti Thi Poetry by Kanha Kamboj | The Realistic Dice – 99lyricstore
खिलते हुए फूलों के रंग चुराने हैं मुझे ये मौसम तेरे संग चुराने हैतेरी जैसी मूरत एक और बनानी है मुझे तेरे सभी अंग चुराने है तेरे आँखों की नमी ही