Hum Single Hi Acche Hain By Sangita Yaduvanshi | The Social House | Whatashort
Hum Single Hi Achhe Hain Poetry
आज के रिश्ते…
आज के रिश्ते कहां इतने सच्चे हैं
हम तो सिंगल ही अच्छे हैं..
लेकिन दिल कहां समझता है
दिल कहता है कि भाई कोई होना चाहिए
जो रात में तुम से पूरी रात बात करने की जिद पर आ जाए,
कोई होना चाहिए जिसकी 2 मिनट की नजरे
भी कीमती हो जाए,
कोई होना चाहिए जो तुम्हारा हाथ थामे
और सुनी सी सड़कों पर लम्बे रास्ते का राही हो जाए
कोई होना चाहिए…
कोई होना चाहिए जिसकी एक मुलाकात का वो आखिरी पल,
और वो बाय(Bye) थोड़ा मुश्किल सा हो जाए,
पर दिल कहां मानता है कि
आज के रिश्ते कहां इतने सच्चे हैं
इसीलिए हम सिंगल ही अच्छे हैं…
फिर भी ये मन है ना
इसको समझाना थोड़ा मुश्किल है
और यह कहता है कि कोई होना चाहिए
जो हल्की हाथों से तुम्हारी उंगलियों को सहलाए,
कुछ अपनी कुछ तुम्हारी सुने कुछ अपनी सुनाएं,
और मुलाकात के आखिरी दिनों में
वो बाय कहना उसका मुश्किल हो जाए,
कोई होना चाहिए जो तुम्हारे हर घिसे पिटे किस्से पर झूठा मुस्कुराए,
और तुम्हारी बाइक के एक हार्न पर बालकनी में आ जाये,
कोई होना चाहिए जिस के साथ आसमान के तले, गुजरे पलों को तुम याद करो,
और शरमा के वो जुल्फे अपने कानों के पीछे छुपाए,
पर ये नादान दिल है ना
इसे कौन समझाए कि
आजकल के रिश्ते कहां इतने सच्चे हैं
इसीलिए तो हम सिंगल ही अच्छे हैं….
पर ये दिल जानता है की
एक टाइम पे हमने भी मोहब्बत की थी
हम भी दौड़ा करते थे स्कुल बस के पीछे
और पीछा करते थे खिड़की से झांकते उस
दुपट्टे का,
क्लास से ज्यादा बैठा करते थे उस टपरी पर जहां कुल्हड़ वाली चाय मिलती थी,
क्योंकि दोस्तों ने कहा था वह अपने दोस्तों के साथ अक्सर यहां आया करती थी,
और उसकी एक झलक के लिए सुबह से शाम हो जाया करती थी..
मैंने दिल की सुनी और इजहार कर दिया,
फिर मेरे इजहार उनके इंकार के किस्से से अब भी कुरेदे जाते हैं..
बहुत अरसा हुआ इस बात को पर मेरे दोस्त उन्हें भाभी कहकर बुलाते हैं..
बहुत अरसा हुआ इस दोस्त को,
लेकिन रात रात भर जागे हैं रात रात भर जागे हैं उनके घर के बहुत चक्कर लगाए हैं,
उनको समझ शीशे से बहुत देर तक अकेले में बतियाए हैं
और फिर तब जाकर समझ आया,
कि जिन्दगी के कितने खुबसूरत से पल हमने इस मोहब्बत के चक्कर में गंवाए हैं,
और तब ये बात आम हो गई
की आजकल के रिश्ते कहां इतने सच्चे हैं
इसीलिए तो भाई हम सिंगल ही अच्छे हैं ……
–Sangita Yaduvanshi
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