Nighahon Hi Nighahon Mein Poetry
एहसासों का पुतला हूं मैं आशिक नाम है मेरा
कि एहसासों का पुतला हूं मैं आशिक नाम है मेरा
कोई पूछे तो कहना मोहब्बत काम है मेरा
कि निगाहों ही निगाहों में बातें हर बार करते हैं
निगाहों ही निगाहों में बातें हर बार करते हैं
चोरी चोरी व़ो चुपके से मेरा दीदार करते हैं
प्यार दोनों को एक दूजे से है
बस मुश्किल इतनी है,
ना मैं इजहार करता हूं न वो इजहार करते हैं
निगाहों ही निगाहों में बातें हर बार करते हैं
जैसे तनहा मैं रहता हूं तू भी एक बार हो जाए
मेरी जान मेरी सांसे मेरा दिल है वो
मेरी जान मेरी सांसे मेरा दिल है वो
ताजुब ये कि मेरा कातिल है वो
कि जैसे तनहा मैं रहता हूं
तू भी एक बार हो जाए
मेरी चाहत का तुझको भी
कभी एहसास हो जाए
तड़प मेरी दर्द मेरा वफा मेरी तू समझेगी,
खुदा करे कि तुझको भी किसी से प्यार हो जाए
खुदा करे कि तुझको भी किसी से प्यार हो जाये
एक एक हर्फ से तेरा एहसास जुड़ा रहता है
कौन कहता है तू मुझसे जुदा रहता है
दर्द जब कभी भी ज्यादा उभर आता है
सिहायी बनके कागजों पर उतर आता है
मेरी किस्सों मेरे ग़ज़लों में
तू ही तू बसा रहता है
कौन कहता है तू मुझसे जुदा रहता है
ये इबादत ये सजदे सब छोड़ दिए मैंने
ये रिवाजे ये दस्तूर सब तोड़ दिए मैंने
मेरे दिल में तू बनके खुदा रहता है
कौन कहता है तू मुझसे जुदा रहता है
जरा नजदीक आओ जो तो तुमको ओढ़ लूंगा मैं,
मौत से पहले ना टूटे वो नाता जोड़ लूंगा मैं
तेरे बिन जिंदगी जीने का दिल में जो ख्याल आए
ये सांसे तोड़ दूंगा मैं यह दुनिया छोड़ दूंगा मैं
ये सांसें तोड़ दूंगा मैं यह दुनिया छोड़ दूंगा मैं।
–Diyanshu Trivedi