रक्त में खिला हुआ कमल | केदारनाथ सिंह
‘अकाल में सारस’ केदारनाथ जी की प्रसिद्ध कविता-संग्रहो में से एक है जिसमें यह कविता ‘रक्त में खिला हुआ कमल‘ भी सम्मिलित हैं।
रक्त में खिला हुआ कमल
मेरी हड्डियाँ
मेरी देह में छिपी बिजलियाँ हैं
मेरी देह
मेरे रक्त में खिला हुआ कमल
क्या आप विश्वास करेंगे
यह एक दिन अचानक
मुझे पता चला
जब मैं तुलसीदास को पढ़ रहा था
– केदारनाथ सिंह
Meri haddiyaan
Meri deh mein chhipi bijliyaan hain
Meri deh
Mere raqt mein khila hua kamal
Kya aap vishwaas karenge
Yah ek din achaanak
Mujhe pata chala
Jab main tulsidaas ko padh raha tha.
– Kedarnath Singh