Is Rishte Ko Kya Naam Doon | Roopam Sharma | The Social House Poetry 

The beautiful love poetry 'Is Rishte Ko Kya Naam Doon' has written and performed by Roopam Sharma on The Social House's Plateform.

Is Rishte Ko Kya Naam Doon

आसमान में मत ढूंढ तू ख्वाबों को
ख्वाबों के लिए जमीन भी जरूरी है 
जिंदगी में सब कुछ मिल जाए तो क्या बात है
लेकिन जिंदगी के लिए एक कमी भी जरूरी है
एक कमी भी जरूरी है….।
वो इजहार करते नहीं 
और हमें इकरार करना आता नहीं
वो वजह देख कर नाराज होती नहीं 
और मुझे बेवजह मनाना आता नहीं 
मेरी आहटो को अपनी खामोशी दें दें 
मेरे चिंताओं को थोड़ी सी आवारगी दें दें 
मेरे साहिलों को अपनी मंजिल दें दें 
मेरी इस बेचैनी को थोड़ा सा सुकून दें दें 
और इस फास्ट फॉरवर्ड से जमाने में प्यार दें ना दें 
बस मुझे थोड़ा सा वक्त ही दें दें 
बस मुझे थोड़ा सा वक्त ही दें दें….।
शर्त थी रिश्ते बचाने की 
शायद यही वजह थी मेरे हार जाने की 
कोई रूठे तो उसे जल्दी मनाया करो 
गुरूर की जंग में अक्सर जुदाई जीत जाया करती है 
कोई जाए तो उसे जल्दी रोका करो 
क्योंकि जनाब अपनों से पराए तक के फैसले,
कदम बहुत जल्दी तय कर लिया करते हैं 
कदम बहुत जल्दी तय कर लिया करते हैं….।
मुझे इश्क़ करने से खौफ आता है 
मुझे टूट कर चाहने से खौफ आता है 
किसी के रूह को छूकर उसे छोड़ जाने में खौफ आता है 
मुझे इश्क करने में खौफ आता है। 
जब याद मेरी हो और जिक्र तेरा हो 
जब दिल पर मेरे दस्तक हो 
और आहट सिर्फ तेरी हो 
जब वक्त हो सारा मेरा
पर जाया हो तुझे याद करने में,
तो बता उस जज्बात को मैं क्या नाम दूं 
तो बता उस जज्बात को मैं क्या नाम दूं….।
जब प्यार हो मेरा 
और चाहत तेरी हो 
जब मंजिल हो मेरी और राह तेरी हो 
जब दिल हो मेरा और धड़कन हो तू
तो बता उस एहसास को मैं क्या नाम दूं
तो बता एहसास को मैं क्या नाम दूं….
जब खुशी हो मेरी और मुस्कान आए तेरे चेहरे पर
जब गम हो मेरा और आंसू आए तेरी आंखों से, 
जब हूं मैं सबके साथ, लेकिन नजर सिर्फ तुझ पर टिकी हो
तो बता उस रिश्ते को मैं क्या नाम दूं
तो बता उस रिश्ते को मैं क्या नाम दूं….।
                              – Roopam Sharma