‘Suno, Ek Aur Koshish’ Story – Amandeep Singh | Tape A Tale | Storytelling

This a most inspiring story 'Suno, Ek Aur Koshish' performed and written by young talented storyteller 'Amandeep Singh' present this story beautifully on plateform of Tape A Tale. This story inspire whose person who think that it's impossible for him. Amandeep Singh telling his personal inspiring story so everyone should connect this story.

This a most inspiring story ‘Suno, Ek Aur Koshish‘ performed and written by young talented storyteller ‘Amandeep Singh‘ present this story beautifully on plateform of Tape A Tale. This story inspire whose person who think that it’s impossible for him. Amandeep Singh telling his personal inspiring story so everyone should connect this story.

‘Suno, Ek Aur Koshish’ Story

मुझे नहीं मालूम ये होता कैसे है?
बस इतना मालूम है कि ये होता है..
कोई है जो वक्त के दूसरे छोर पर रहता है
हमारे ही ख्यालों में छुप-छुप के हमसे बहुत कुछ कहता है।
जिंदगी में अक्सर, हमें जिंदगी ऐसे सवालों के सामने लाकर खड़ा कर देती है जिसका जवाब हमारे पास नहीं होता। 
इसलिए जरूरत पड़ने पर अपनी सूझबूझ के हिसाब से हम उन जवाबों को ढूंढने लगते हैं, 
लेकिन कभी कभी, 
कभी कभी ऐसा होता है की एक आवाज सुनाई देती है
शायद,
शायद वो आवाज़ हमारे अंदर से आती है या फिर कहीं दूर से गूंजती हुई वक्त और हालातों को चीरते हुए हमारे जवाबों के साथ।
2005 में जब मैं 5th 5th standards में आया तो मेरे घर पर नया टीवी आया था साथ ही आया पोगो पर एक नया शो M.A.D
Music art and dance with Rob…. Now Rob was a super cool looking guy with the fancy cap.
And the most amazing collection of stationaries. The way he played with crafts, colours and crayons made me  believe that he can make any thing out of them.
अब पहले ही एपिसोड में Rob ने पुरानी प्लास्टिक की बोतल को recycle करके Submarine बनाना सिखाया। And‌ I have was like wow. उन्होंने इतनी आसानी से सब कुछ सिखाया कि एपिसोड खत्म होते साथ ही मैंने भी पुरानी प्लास्टिक की बोतल ली और Submarine बनाना शुरू कर दिया।
पहले की 2,4 step आसानी से हो गए… 
पर जब बारी आई tissue paper पर फेविकोल और पानी के solution को लगाकर उसे Submarine के structure पर चिपकाने की।
तो मेरी हिम्मत ने जवाब दे दिया हर बार या तो tissue paper उड़ जा रहा था या फट जा रहा था कुछ देर की कोशिश के बाद मैंने खुद से कहा कि यार शायद ये होने नही वाला है।
मैं submarine को वहीं छोड़ देने वाला था कि अचानक कहीं से एक आवाज आई कि
‘सुनो एक और कोशिश करो’ शायद हो जाए! 
जिस भी काम को शुरू करते हो उसे खत्म किया करो तुम्हें अच्छा लगेगा।
मुझे मालूम नहीं चला कि आवाज थी कहां से, 
एक पल को लगा कि मेरा दिमाग मुझसे कह रहा है 
दूसरे को लगा कि कहीं दूर से ये आवाज आ रही है… मगर वो आवाज़ थी बहुत जानी पहचानी।
तो मैंने उस आवाज की बात मान ली और वापस एक आखिरी कोशिश की इस बार और धीरे-धीरे और ध्यान से।
और इस बार वो submarine बन कर आ गई।
हालांकि जैसे Rob ने दिखाई थी वैसी तो बिल्कुल भी नहीं थी। 
मगर मैं खुश था इस बात से की ये submarine कम से कम बन तो गई। 
जिंदगी में उस 1 साल के बाद ऐसे बार-बार बहुत बार हुआ, मेरे साथ जिंदगी में कि जब भी मैं कोई एक नया काम शुरू करने जाता है
चाहे वो कुछ भी हो 
चाहे मुझे डिग्री लेनी हो 
चाहे अपने सपनों के पीछे भागना हो
या फिर 
या फिर मुझे अपनी किसी एक कहानी को खत्म करना हो तो मेरा दिमाग बहुत बार मुझसे ये कहता कि यार शायद ये तुमसे हो नहीं पाएगा
यहीं रुक जाओ !
मगर उसी वक्त पर वही आवाज बार-बार दस्तक देकर बस इतना कहती की
‘सुनो एक और कोशिश’
और ऐसी बहुत सारी एक और कोशिशों के साथ ही आज मैं ये बन पाया हूं जो मैं हूं एक दीवाना सा कहानीकार। आपको पता है उन कहानियों ने मेरे साथ क्या किया?? वो सारी कहानियां मुझे लेकर आ गई बम्बई की इस जादुई नगरी में और यहां आकर हुआ वो एक करिश्मा जो मैं दबे मन से बहुत सालों से होने का इंतजार कर रहा था।
 ऐसे ही किसी बड़े से Event में मुझे सामने Rob दिख गये I was so excited!! I just ran towards him he looked exactly the same. Fancy looking guy with the amazing cap. I met him we greeted each other. I somehow wanted to tell him that how some some fourteen years ago, I met a submarine out of know that only because you told me to do so. So to start the conversation I just asked him. Rob, If you don’t mind could you please tell me, How did MAD start??
उनके चेहरे पर एक बड़ी सी मुस्कुराहट आ गई और उन्होंने मुझे बताया कि ‘M.A.D was tough for him’.
वो उनके शुरुआत के दिन थे और करीब 1 साल तक वो इस show को बार बार redesign कर रहे थे कि क्योंकि हर बार वो रिजेक्ट हो रहा था।
एक दो बार तो ऐसा भी हुआ कि उन्होंने सोचा कि यार इसे छोड़ देते है शायद ये हमारी बस की बात नहीं है, 
लेकिन फिर खुद को मनाते हुए उन्होंने बस इतना कहा कि
‘एक और कोशिश’ ऐसी बहुत सारी एक और कोशिशों के बाद फाइनली फाइनली M.A.D hucked. ये सुनते ही मुझे लगा कि शायद कोई एक पुरानी कहानी है जो कोई मेरे सामने दोबारा दोहरा रहा है
और मुझे मालूम नहीं क्या हुआ 
और मै Rob से कहने लग गया कि
“Rob, this is so inspiring”
पता है आपको अगर मुझे मौका मिले तो मैं अपनी 14 साल पहले वाले खुद से बस यही बात तो कहना चाहूंगा कि
कि अगर तुम जिंदगी में कोई एक नयी चीज की शुरुआत कर रहे हो और हालातों की वजह से उन्हें लग रहा है कि तुम उसे नहीं कर पाओगे तो
‘सुनो एक और कोशिश करो’ शायद हो जाएगा!
किसी काम को जब तुम शुरू करते हो तो उसे ख़त्म किया करो, तुम्हें अच्छा लगेगा।”
ये बोलकर वहीं चुप हो गया।
मुझे लगा कि मेरा दिमाग मेरे साथ कोई खेल खेल रहा है, मुझे कोई चकमा दे रहा है क्योंकि अभी वाली जो मेरी आवाज थी हू-ब-हू उस आवाज से मिलती थी
कि जो मैंने कई सालों पहले Submarine बनाते वक्त सुनी थी या फिर उस आवाज‌ से जो जिंदगी के हर मोड़ पर मुझे सुनाई देती थी। 
ऐसा होता है क्या?? मुझे नहीं मालूम!
पर  शायद, शायद ऐसा कुछ होता हो।
कि हम सब अपनी पूरी जिंदगी को एक साथ
वक्त के अलग-अलग छोर पर एक बार में जी रहे हो। 
मानो जैसे अभी इसी वक्त पर मैं यहां खड़ा हूं, मगर घड़ी के किसी दूसरी चक्र में, मैं वहां एक नई जिंदगी जी रहा हूं जो मेरी ही जिंदगी है पर किसी और उम्र में।
और शायद,
शायद जब जरूरत पड़े तब मैं अपने आप को ना जाने कैसे बिना माने, बिना जाने, किसी भी तरीके से एक इशारा पहुंचा देता हूं कि सुनो जिंदगी में आगे ऐसे बढ़ना है या तुम्हें ये करना है
या इससे तुम्हें राहत मिलेगी 
हो सकता है…
हो सकता है…. हम सब अपनी जिंदगी में इस एक चीज को अलग-अलग तरीकों से मानते हो कोई कहता हो कि ये मेरा instinct हैं कोई कहता हो ये मेरी gut feeling है या कोई कहता हो कि The universes is conspiring for me.
शायद!
शायद ये हम खुद है,
वक्त के किसी और छोर पर खड़े होकर
खुद को खुद के ख्यालों में अपने सारे सवालों का जवाब भेज रहे हैं।
मुझे नहीं मालूम है कैसे होता है??
बस इतना मालूम है कि ये होता है।
                                  – Amandeep Singh