Muhabbat ka Paigaam Kashmir ke Naam By Kumar Vishwas | Kashmir Geet

This beautiful Song 'Muhabbat ka Paigaam Kashmir ke Naam' has written and performed by Kumar Vishwas.


  Difficult Words  

  • हमवार = बराबर, चौरस, एक सा।
  • दमकते = चमचमाना, प्रकाश फेंकना।
  • सरगोशी = कानाफूसी, चुगली, बुराई।
  • गुलमर्ग = इसका अर्थ है ‘फूलो की वादी’। जम्मू – कश्मीर में ‘गुलमर्ग’ बारामूला नामक जिले में स्थित है।
  • काबुलीवाला = काबुलीवाला, रवीन्द्र नाथ टैगोर जी द्वारा रचित एक हिन्दी कहानी है।
  • सूफ़ी = उदार विचारों वाले मुसलमानों का एकरहस्यवादी संप्रदाय जिसमें तपस्या और प्रेमकोईश्वर प्राप्ति का माध्यम माना जाता है।
  • पैग़ाम-ए-हक़ = सत्य का संदेश।
  • गुलफाम = फूलों के समान रंगवाला, अत्यंत सुंदर।
  • चिनार = एक प्रकार का बड़ा वृक्ष।

Muhabbat ka Paigaam Kashmir ke Naam

Rishi kashyap ki tapasya ne tapaaya hai tujhe 
Rishi agast ne hamvaar banaaya hai tujhe 
Kabhi laladyad ne raabiya ne bhi gaaya hai tujhe 
Baaba barfaani ne darbaar banaaya hai tujhe 
Teri jheelon ki muhabbat mein hain paagal baadal 
Maan ke maathe pe damakte hua paawan aanchal 
Teri sargoshi pe kurbaan tera pura watan 
Mere kashmir meri jaan mere pyaare chaman…।।

Tere gulmarg pe sartaaj taj vaar gaya
Tu wo jannat ki jahaangeer bhi dil haar gaya 
Tumse milne jo gaya wo tera hokar aaya 
Kaabuliwaala teri ghaati se hokar aayaa 
Sufiyon ne tujhe paigaam-e-haq sunaaya tha 
Shankrachaary ne mandir yahin banaaya tha 
Aa gile-shikwe kare donon aaj mil ke daphan 
Mere kashmir meri jaan mere pyaare chaman…।। 

Tere beton ke sanskrit ke vyaakarn ki kasam 
Khubaani seb jaise mithe aacharan ki kasam 
Teri kurbaani mein dubi hui sadiyon ki kasam 
Tere aanchal se utarti hui nadiyon ki kasam 
Gul ke gulfaam ke gulshan ke chinaaron ki kasam 
Teri dal jheel ke un saare shikaaron ki kasam 
Tujhko seene se lagaane ke hain ye saare jatan 
Mere kashmir meri jaan mere pyaare chaman…।।

(In Hindi)



ऋषि कश्यप की तपस्या ने तपाया है तुझे 
ऋषि अगस्त ने हमवार बनाया है तुझे 
कभी ललद्यद ने राबिया ने भी गाया है तुझे 
बाबा बर्फ़ानी ने दरबार बनाया है तुझे 
तेरी झीलों की मुहब्बत में हैं पागल बादल 
माँ के माथे पे दमकते हुए पावन आँचल 
तेरी सरगोशी पे क़ुर्बान तेरा पूरा वतन 
मेरे कश्मीर मेरी जान मेरे प्यारे चमन…।। 

तेरे गुलमर्ग पे सरताज ताज वार गया 
तू वो जन्नत की जहांगीर भी दिल हार गया
तुमसे मिलने जो गया वो तेरा होकर आया
काबुलीवाला तेरी घाटी से होकर आया 
सूफ़ियों ने तुझे पैग़ाम-ए-हक़ सुनाया था शंकराचार्य ने मंदिर यहीं बनाया था 
आ गिले-शिकवे करे दोनों आज मिल के दफन 
मेरे कश्मीर मेरी जान मेरे प्यारे चमन…।। 

तेरे बेटों के संस्कृत के व्याकरण की क़सम ख़ूबानी सेब जैसे मीठे आचरण की क़सम 
तेरी क़ुरबानी में डूबी हुई सदियों की क़सम 
तेरे आँचल से उतरती हुई नदियों की क़सम 
गुल के गुलफाम के गुलशन के चिनारों की क़सम
तेरी डल झील के उन सारे शिकारों की क़सम
तुझको सीने से लगाने के हैं ये सारे जतन 
मेरे कश्मीर मेरी जान मेरे प्यारे चमन…।।

                             – Kumar Vishwas