Difficult Words
सुरूर = नशा।
हया = लज्जा, शर्म।
दस्तूर = कायदा, नियम, विधि।
अलक = माथे पर लटकते बाल, जुल्फ़।
महताब = चंद्रमा, चाँद।
मद्धम = मध्यम, निम्न।
फितूर = दोष, विकार।
Suroor Hai
तू नूर है, सुरूर है, इश्क है, बेकसूर है, हया है तू
तू ही नया दस्तूर है
कुछ पलकों पर ख्वाब लिए
जो उड़ रही तो क्या?
अपने अलको से मेहताब ढ़के,
तू चल रही तो क्या?
जो समझे नहीं एहसास तेरे
तू माफ कर उन्हें भूल जा
जो तेरे जज्बे सा बड़ा दिल रख सके ना
उनसे तू अब तू दूर जा
बस बहुत हुआ आगे बढ़ बंदिशों से छूट जा
तू आग है मद्धम सा कोई साज है
गुरूर है एक शीतल सा एहसास है
यकीन है जो तुझे खुद पर
तू सांस ले कदम बड़ा
कभी जो हंस पड़े आसमान भी तेरी शिकस्त पर
तू हौसला रख, मुड़ साथ हंस उसके
अपने हार पर भी जश्न मना
ये याद रख
हार के बाद की ही जीत तो मशहूर है
पर तू कर्म के, विश्वास कर,
आगे बढ़ और बढ़ती जा
तू भूल मत,
तू नूर है, सुरूर है, इश्क है, बेकसूर है, हया है तू
तू ही नया दस्तूर है
ये ज़मीं ही क्या? ये फलक भी आ मिलेगा तुझमें
जो लगते हैं बस ख्वाब ही सबको,
तू हासिल कर वो सारे सपने
डरना नहीं अकेलेपन में,
आसानी की ओर मुड़ना नहीं
जो है यकीन अपनी राह पर, अपनी चाह पर
तू आंधीयों से झुकना नहीं
तू नदिया सी बन
अपनी सोच के सागर में मिल
किनारे बहुत टकराएंगे, तू बहने से रुकना नहीं
बस जिए जा उसे
जो तेरे चित का फितूर है
ये याद रख
तू नूर है, सुरूर है, इश्क है, बेकसूर है, हया है तू
तू ही नया दस्तूर है
तू ही नया दस्तूर है
– Chanchal Garg