Humari Mohabbat Aur Unka Bahana
जब जुल्फें गिरा के वो पलकें झुकाती थी
सांसे तो चलती थी पर जान निकल जाती थी
उंगलियां भी तो फोन पे रुक रुक के चलती थी
रात को जब मैडम बैठ कर हमें मैसेज किया करती थी
पर आज मेरे पास उसकी यादों का बस खजाना है
क्योंकि एक तरफ हमारी मोहब्बत है
तो एक तरफ उनका बहाना है
ना जाने कैसा इश्क़ था उनका
बिना कुछ कहे ही खफा हो गए
हम पूरे रिलेशनशिप में उनसे वफ़ा करते रहे
और वो बहाने देकर बेवफा हो गए
पर आज भी हमारी मोहब्बत का एक फसाना है
आज भी उन्हें भाभी भाभी कहकर छेड़ता जमाना है
क्योंकि एक तरफ हमारी मोहब्बत है
तो एक तरफ उनका बहाना है
कि सिगरेट क्या शराब क्या
मैंने तुम्हारी आंखों के नशे में झूम के देखा है
तुम ले लेती थी ना हर बात का बदला
मुझे याद है मैंने तुम्हें चुम के देखा है
मैंने ज्यादा दुनिया तो नहीं देखी
लेकिन तेरे जिस्म को नक्शे की तरह घूम के देखा है
मैं कुछ हिंदुस्तान सा वो कुछ पाकिस्तान सी
साला अपने इश्क़ को कश्मीर बना डाला है
क्योंकि एक तरफ हमारी मोहब्बत
क्योंकि एक तरफ हमारी मोहब्बत
तो एक तरफ उनका बहाना है
हमको बहाने देकर तुम किसी और से मिलने जाती थी
वो ना मिलता था तो तीसरे को घर बुलाती थी
पर हमारी वफा का सूरज तुम्हारी बेवफाई के चांद में ढलता रहा
तुमने दिखा दिया ना कि तुम्हारा महबूब भी
तुम्हारे शर्ट के रंग जैसा बदलता रहा
आज भी खुशबू आती है तुम्हारी मेरी शर्ट से
क्या छुपाना है हमने तो दुनिया को बस यही बताना है
एक तरफ तो हम बच्चों के नाम रख बैठे थे
और अंत में उन्होंने पति किसी और को बनाना है
क्योंकि एक तरफ हमारी मोहब्बत
तो एक तरफ उनका बहाना है
जिंदगी में कुछ इस कदर मैं खुद को बर्बाद करता हूं
जिस दिन शर्त लगती है किसी से तुझे भुलाने की
मैं उस दिन तुझे याद करता हूं।
– Manhar Seth