Uska Best Friend Poetry By Niraj Nidan | The Social House Poetry

This beautiful love poetry 'Uska Best Friend' has written and performed by Niraj Nidan on The Social House's Platform.

Uska Best Friend

वो एक साया था जिसकी चाहत में कट रही थी जिंदगी
नतीजा ये हुआ कि मैं खुद को भी खो के आ गया कहीं
उसने दिया है मोहब्बत का गुलाब एक कांटे के साथ 
और दावा भी किया है कि ये कांटा चुभेगा नहीं
वो कांटा चुभता भी है और मेरा खून पीता है 
पर अफसोस उसे ये कभी दिखेगा नहीं
मैं सोचता हूं एक दिन फैसला करके 
उसे बता दूं ये बात हौसला करके
कि मैं चाहूं तो कांटा तोड़ सकता हूं
मैं चाहूं तो पूरा गुलाब छोड़ सकता हूं 
पर मसला ये है मैं कांटा तोड़ दूंगा वो रूठ जाएगी 
मैं गुलाब छोड़ दूंगा वो छूट जाएगी 
तो इसी कशमकश में मैं बेदम हो जाता हूं 
हर गुजरते दिन के साथ थोड़ा कम हो जाता हूं
मर्ज अपना बताऊं किसको 
हाल अपना सुनाऊं किसको 
उसे गुलाब पसंद है कांटे के साथ
उस कांटे की चुभन मैं दिखाऊं किसको 
तो बस इसी कशमकश में जिंदगी कट रही है 
मेरे हिस्से की मोहब्बत औरों में बट रही है।
                                                – Niraj Nidan