Aaj Phir Mahina Aaya Hai
अलग थाली, अलग बिस्तर, अलग सबसे बिठाया है
मां ने आज उसको सबको बीमार बताया है।
पूरा दिन उसने अलग कमरे में बिताया है
पूरा दिन उसने अलग कमरे में बिताया है
मंदिर में भी जाना उसका कुछ दिन निषेध करवाया है
सुनो सुनो सुनो आज फिर महीना आया है
आज फिर महीना आया है।
बिलखते देखा बेटी को तो बाबा ने सवाल उठाया है
मां ने नजरें झुका के पेट में दर्द बताया है
भाई भी आ गया बोला दवाई लाया है
मां ने गुस्से में कहा आखिर हमने भी सहा था
तुमने क्यों तमाशा बनाया है?
कर लो ढोंग, दवाई मत खाना
शांत रहो अच्छा नहीं लगता
फिर एक मां ने अपनी बेटी को दर्द सहना सिखाया है
सुनो सुनो सुनो आज फिर महीना आया है।
आज फिर महीना आया।
पूजा क्यों नहीं की तुमने
आज इस कमरे में क्यो हो?
पेट में दर्द क्यों हैं?
अरे आज पढ़ने क्यों नहीं गई
ना जाने ऐसे और कितने सवालों का मैंने और मां ने मिलकर बोझ उठाया है।
मेरी चुप्पी पर मां के बहाने बनाना
और मेरा शर्म से सर झुक जाना
ऐसी ही कई जिल्लतो ने मुझे आज यहां पहुंचाया है
सुनो सुनो सुनो आज फिर महीना आया है
आज फिर महीना आया।
जीवन मिलता जिस प्रक्रिया से उसे ही मेरी शर्म बना डाला
और लोगों ने तो दर्द सहना जैसे मेरा धर्म बना डाला
मां ने सिखाया था बचपन में कि कभी चोट से खून निकले तो बताना अगर
यहां चोट तो नहीं लगी पर हर महीने खून निकलने पर मुझे अशुद्ध कहकर मेरे दिल पर कभी ना बनने वाला जख्म बना डाला
और कुछ लोग होगे अब भी जो बेहया, बेशर्म कहकर नवाजेंगे मुझे,
शुक्रिया! आपका क्योंकि मैंने तो तुम्हारे ढकोसला का दुपट्टा हटा डाला
शुक्रिया! आपका क्योंकि मैंने तो तुम्हारे ढकोसला का दुपट्टा हटा डाला
अब नहीं रख सकते मुझे चुप और तुम
क्योंकि मैंने तो इस घुटन का किस्सा ही मिटा डाला
और लोगों ने तो दर्द सहना जैसे मेरा धर्म बना डाला
वो क्या है ना हमारी आदत थोड़ी पुरानी है दर्द सहने की थोड़ा वक्त लेगी जाने में
हां दर्द में हूं क्योंकि पीरियड्स आए हैं
अभी मुश्किल तो होगी बताने में
अभी मुश्किल तो होगी बताने में
अभी झिझक तो होगी बताने में
तुम काम बस इतना करना
सवाल कम पूछना मदद करना दर्द निभाने में
सवाल कम पूछना मदद करना दर्द निभाने में
अगर हमउम्र हो तो पूछ लेना जाकर
वरना साथ देना राज छुपाने में
वरना साथ देना राज छुपाने में
आदत पुरानी है ना तो थोड़ा वक्त तो लेगी जाने में
कोशिश बस मेरी इतनी है कि वो दुबारा दर्द ना झेले पहला पिरियड का, दुसरा उसको छुपाने में
करो शुरुआत तुम घर से ही इस घुटन को मिटाने में
शायद तुम्हारी कोशिश नया बदलाव ले आए जमाने में
हां दर्द में हूं क्योंकि पीरियड्स आए हैं
फिर हमें शर्म ना आए बताने में।
फिर हमें शर्म ना आए बताने में।
– Paakhi