About This Poem :- In this Valentine a beautiful poem ‘Mujhe Pyaar Nahin, Ishq Chahiye’ for UnErase Poetry which is presented by Priya Malik and also written by her.
Mujhe Pyaar Nahin, Ishq Chahiye
कहने की इजाजत नहीं अभिव्यक्ति की आजादी चाहिए
जो किताबों में भी लिखा ना हो मुझे वो उपन्यास चाहिए
हर्फ-ए-अल्फ़ाज़ के साथ साथ मुझे उन अल्फाजों पे इख़्लास चाहिए
मुझे तोहफे में जेवरात नहीं, मुझे कुर्बत का एहसास चाहिए
जो बेमिसाल बेनजीर बेलौस हो मुझे वो प्यास चाहिए
मुझे प्यार नहीं इश्क़ चाहिए
मुझे प्यार नहीं इश्क़ चाहिए
हॉलमार्क का कार्ड नहीं, मुझे बेशुमार लिहाज़ चाहिए
डेट पर जाना नहीं, मुझे रक़्स-ए-परवाज चाहिए
महंगे होटल का खाना नहीं, मुझे अपने वजूद का मुकाम चाहिए
स्माइली के Emoticon नहीं, मुझे अपने चेहरे पर मुस्कान चाहिए
सोशल मीडिया पर दिखाने के लिए नहीं
मुझे हकीकत में एक real रोमांस चाहिए
मुझे प्यार नहीं इश्क़ चाहिए
मुझे प्यार नहीं इश्क़ चाहिए
hashtag forever के वादे मुझसे दूर रखो
ख्वाब मुझे दिखाओ नहीं
फिल्मों के एकतरफा रोमांस को मुझसे दूर रखो
दिखावे का साया भी नहीं
मुझे मत बताओ कि समाज में आदमी और औरत में कोई फर्क है
मेरे साथ बैठो और ये बताओ क्या इस बात में कोई तर्क है
हमारे रिश्ते में कोई पाबंदी नहीं,
ना हो रजामंदी की मुराद
हम फकत अपने में खोए हुए नहीं
हम हो होशमंद और आबाद
क्योंकि इश्क़ वो नहीं जो दो लोगों के बीच में लाए दूरियां
इश्क़ वो नहीं जिसमें हो रंजीशे और ईर्ष्या
इश्क़ वो नहीं जिसमें दिल में सिर्फ़ हो दर्द और हो मजबूरियां
इश्क़ वो है जो दे इनायत, तेरे मेरे दरमियां
अगर सुन रहे हैं तो ये सुनीए और इस बात को पहचानिए
मुझे प्यार नहीं इश्क़ चाहिए
इश्क़-ए-मिजाजी नहीं, इश्क़-ए-हकीकी चाहिए बेबाक, बेख़ौफ़, बेतकल्लुफ बंदगी चाहिए
मुझे प्यार नहीं इश्क़ चाहिए
मुझे प्यार नहीं इश्क़ चाहिए
मांग नहीं रही हूं हकदार हूं इसकी
– Priya Malik