Zindagi, Tu Bhi Toh Mujhse Thoda Pyaar Kar by Kasak | The Social House Poetry

About This Poetry :- This beautiful poetry 'Zindagi, Tu Bhi Toh Mujhse Thoda Pyaar Kar' mainly focused on very critical problem depression. This poetry performed and written by Kasak under the label of The Social House which is very perfectly describe this serious issue.

About This Poetry :- This beautiful poetry ‘Zindagi, Tu Bhi Toh Mujhse Thoda Pyaar Kar‘ mainly focused on very critical problem depression. This poetry performed and written by Kasak under the label of The Social House which is very perfectly describe this serious issue.





Song Title – Dhua Dhua 
Singer – Emiway Bantai
Music –

CALL ME G

Lyrics – Emiway Bantai
Video by – Joe Howard
Music Label – Emiway Bantai




Zindagi, Tu Bhi Toh Mujhse Thoda Pyaar Kar

दरअसल बात है मुझमें दो जहानों कि
अब अपनी इस खलिश का दोष 
मैं किस-किस पर जताऊं 
एक जहां तो ठीक है आप देख कर परख लेते हैं मुझे 
और दूसरे का मैं आपको क्या ही बताऊं
ऐ जिंदगी तू भी तो मुझसे थोड़ा प्यार कर 
तुझसे मोहब्बत बेशुमार है मुझको
कभी तू भी मेरी उल्फतों पर ऐतबार कर 
ऐ जिंदगी तू भी तो मुझसे थोड़ा प्यार कर 
भटकता रहा हूं जुस्तजू में तेरी 
गया हूं मैं दर से दर 
ऐ जिंदगी तू भी तो मुझसे थोड़ा प्यार कर 
देख तुझसे रूठ कर बैठी है कितनों की बस्तियां
समझौतों की आंच में जल रहा है मेरा घर 
ऐ जिंदगी तू भी तो मुझसे थोड़ा प्यार कर 
तू मुझसे गैर ना हो जाए बस इसीलिए 
तेरे हक में अपनों से भी लड़ा हूं
तेरी तरक्की की इन कांच भरी सीढ़ियों पर 
मैं तो यार नंगे पांव चला हूं
किस्मतों को भी छोड़कर 
हो गया हूं तेरा मैं सर बसर
ऐ जिंदगी तू भी तो मुझसे थोड़ा प्यार कर 
सिफारिशें की है, मातम मनाए है 
देख तेरी ना सुनने की रजा के चलते
हम खुद ही को तबाह कर आए है
इस नाकामयाब आदमी की बदुआ से 
कभी तू भी तो थोड़ा डर 
ऐ जिंदगी तू भी तो मुझसे थोड़ा प्यार कर 
कितनों के साथ चला हूं 
कितनों से बिछड़ गया हूं
देख तेरी राहों में चलते चलते
मैं तो अपने ही दिल से उतर गया हूं
मगर याद रख, 
फिर भी तेरी ही तरफ मगन चलती रही है मेरी रेहगुजर
ऐ जिंदगी तू भी तो मुझसे थोड़ा प्यार कर 
इबादतें कि है सजदे में सर भी झुकाएं है
जो देने वाली थी तू खुशियां
उसके हिस्से में मिले सारे ग़म भूलाएं है
क्या बेकार ही रहती है मेरे अंदर 
जो ये खलिश हर पल 
ऐ जिंदगी तू भी तो मुझसे थोड़ा प्यार कर 
हॉस्पिटल के डरावने कमरों में
हैवानियत भरी मशीनों से लड़ते हुए
तेरे छोड़ जाने के शक में 
भीख मांगी है उस खुदा से चीख चीख कर तेरे हक में
कभी तू भी तो मुझपे ऐसे जान निसार कर 
ऐ जिंदगी तू भी तो मुझसे थोड़ा प्यार कर 
ऐ जिंदगी तू भी तो मुझसे थोड़ा प्यार कर 

                                                        – Kasak