Mujhe Jaan Kehke Bulata Tha Wo Poem – Nancy Goyal | The Realistic Dice

This beautiful love poem 'Jin Aankhon Ko Chumte The Tum' has written and performed by nancy goyal on the stage of The Realistic Dice.

 Mujhe Jaan Kehke Bulata Tha Wo

कि क्या तुम भी मुझसे बिछड़कर ढलती शाम से हो गए थे? 
यानी दिखने में खूबसूरत और अंधेरे की ओर बढ़ रहे थे 
क्या तुम्हें भी सब उस आफताब की तेज रोशनी की तरह आंखों में चुभ रहा था? 
क्या मेरी कमी से तुम्हारा भी मन मचल रहा था?
क्या तुमने भी कभी लौटने की कोशिश की थी?
क्या देख मेरी तस्वीर बीते हुए पल पर रोशनी की थी? 
आंसुओं को छुपाकर नींद ना पूरी होने का बहाना बनाकर  
तीरगी में जिस्म से हंजू बहाकर 
क्या तुमने भी मुझे पुकारने की कोशिश की थी? 
क्या तुम भी खुद से गुनगुनाते थे 
बातें हम दोनों की आईने में देख के कर जाते थे 
क्या तुम भी मुझसे बिछड़कर एक ढलती हुई शाम से हो गए थे? 
यानी दिखने में खूबसूरत और अंधेरे की ओर बढ़ रहे थे  
कि अज्ञार ही बनना था तो प्यार क्यों बने 
मेरे असरार मेरे प्यार क्यों बने 
नक्श तुम्हारे आज भी संभाल रखे हैं 
तू बस इतना बता मेरे ख्यालों से ना जाने वाले ख्याल क्यों बने  
एक बार तो सोच लिया होता मुझे रुलाने से पहले
जो आंखें चूमते थे कभी तुम उन्हें इस तरह भीगाने से पहले
एक बार तो सोच लिया होता मुझे रुलाने से पहले
जो जान जान कहकर पुकारते थे तुम 
उसी की जान इस कदर निकालने से पहले 
एक बार तो सोच लिया होता मुझे रुलाने से पहले

कि कुछ दिन खास होते हैं
उनमें जुड़े हमारे जज़्बात होते हैं
कुछ अनदेखी खुशियों का इंतजार कर रहे होते हैं
कुछ अपनों के सपने भी साथ होते हैं

                                       – Nancy Goyal 

 Mujhe Jaan Kehke Bulata Tha Wo Poem Video