ILove You T&C Applied Poetry :- In this biggest festival of love, named Valentine’s Day, on which the very talented young poetess Nidhi Narwal composes a lovely poem titled ‘I Love You’ which is full of love and care between each other. Nidhi Narwal herself written and performed this poetry very beautifully. This beautiful poetry has published under the label of FNP Media.
I Love You T&C Applied
आई लव यू
टर्मस न कंडीशंस अप्लाइड
हम दोनों कभी एक दूसरे के लिए चांद तारे फलक से तोड़कर लाने की कसमें नहीं खाएंगे
और हमारे बीते कल की बातें
भूल नहीं सकेंगे तो एक दूसरे को याद भी नहीं दिलाएंगे तुम्हारे मेरे ख्वाब हमारे होंगे
हमारी लुढ़कती ज़ीस्त में हम दोनों एक दूसरे के सहारे होंगे
हो बेशक हमारे बीच कितना ही गहरा सागर
हम मगर एक ही समंदर से जुड़े उसके दो किनारे होंगे
ये तेरा मेरा वाली बाते छोड़नी पड़ेगी
पर पहले ही बता दूं कि चाय तो दो से एक न होगी
दो ही कुल्हड़ होंगे चाय के
हां मन करे तो मेरे वाले से दो घूंट ले लेना
पर बदले में अपनी चाय के दो घूंट दे देना
अब मेरे साथ एक मसला है कि मुझे रूठना आता है मनाना नहीं आता
तुम मुझे मनाना सिखा देना बता देना
कोई तारीख भूल जाऊं तो थोड़ा डांट कर याद दिला देना रूठना मत
चाहे हालात कितने ही बुरे क्यों न हों
मुझे मोहब्बत है तुमसे ये भूलना मत
अब ये तोहफे देखो मुझे देने नहीं आते
वो इसलिए कि लेने ही नहीं आते
खुद की पसंद से तो बस गुलाब दे सकता हूं
बाकी कुछ भी पूछ लो जवाब दे सकता हूं
तुम्हारे सिवा कभी किसी और पर ये नजरें उठेंगी नहीं
और चलो उठ भी गई तो यकीन मानो टिकेगी नहीं
हमारी मोहब्बत में हमें एक दूसरे से कोई बेफिजूल का वादा नहीं करना है
क्योंकि इश्क़ करना है पर बहुत ज्यादा नहीं करना है
बस इतना करना है कि ये ज़िन्दगी तुम्हारे साथ भी बीते
और अगर कभी किसी रोज़ खुदा का मन बदल जाए तो
ये ज़िन्दगी तुम्हारे बाद भी बीते
बस इतना करना है कि धड़कन और सांसे तुम्हारे नाम से केवल रुकना नहीं चलना भी सीखें
और हां, सबसे जरूरी कि किसी भी पल तुम जाना चाहो तो जा सकते हो
आसमान नाप कर आ सकते हो
मुझसे बेहतर या बेहतरीन कोई मिले तो बता सकते हो
ये रिश्ता आसमान है हमारा, कफ़स नहीं
यहां इतनी जगह है कि तुम खुल कर पंख फैला सकते हो वैसे एक बात और चाहो तो आई लव यू टू मत कहना
बस एक बार को मुस्कुरा देना
क्योंकि लव रहे न रहे मुस्कान रहनी चाहिए
इश्क़ में भी तुम्हारी मेरी पहचान रहनी चाहिए।
Written by:
Nidhi Narwal