On the occasion of the proud Republic Day of India, Eminent lyricist Manoj Muntashir has composed a very beautiful poem titled Main Uss Bharat Se Aata Hoon. Manoj Muntashir also known as the lyricist of famous bollywood songs like Teri Mitti, Galiyan and Tere Sang Yaara and many more like these. Musician Anshith-Kallol has added some music in this poetry, video of this poetry has created by Veer Kanabar-Viraj Bhardwaj and edited by Ranjit Sharma. This poetry video officially published under the label of Manoj Muntashir.
Poetry Title – | Main Uss Bharat Se Aata Hoon |
Vocal – | Manoj Muntashir |
Writer – | Manoj Muntashir |
Created By – | Veer Kanabar-Viraj Bhardwaj |
Music – | Anshith-Kallol |
Poetry Label – | Manoj Muntashir |
Main Uss Bharat Se Aata Hoon Poetry
प्रणाम, मैं भी वही हूं
जो आप है, मां भारती की संतान
आप की तरह मेरी शिराओं में भी तपस्वियों का तेज भरा है।
आज अपना परिचय इसलिए दे रहा हूं क्योंकि प्रणाम करके परिचय देना हम भारतवासियों की परंपरा है।
भारत, मैं उस भारत से आता हूं, जिसके होठों पे गंगा और हाथों में तिरंगा है। वो भारत जो कभी सत्यम् शिवम् सुंदरम् कभी वंदे मातरम और कभी पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा, द्राविड़ उत्कल बंगा है।
मैं उस भारत से आता हूं, जो ठुकराए हुए लोगों की शरण स्थली बन जाता है और सात समंदर पार परदेसियों को भी सिस्टरस एंड ब्रदरस कहकर बुलाता है।
मैं उस भारत से आता हूं, जिसने विश्व को हितोपदेश और कर्मयोग सिखाया लेकिन खुद कभी अपना पराया नहीं सीख पाया।
वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत पर जिया मेरा भारत वो नीलकण्ठ है, जिसने खुद विष पी के दूसरों को अमृत दान किया।
मेरा भारत कर्मण्येवाधिकारस्ते गाता है, तीनों लोकों का स्वामी होके भी माखन चुराता है और महाअवतार होके भी मां के हाथों मार खाता है।
मैं गौतम के भारत से आता हूं, जहां जनहित के लिए एक राष्ट्र पुत्र संन्यासी हो जाता है।
मैं राम के भारत से आता हूं, जहां पिता की एक बात पर बेटा सिंघासन त्यागकर वनवासी हो जाता है।
मैं उस भारत से आता हूं, जो स्त्री को उसके स्वाभिमान से पहचानता है, एक कुंवारी मां को महासती कुन्ती के नाम से जानता है और पांच पतियों वाली द्रौपदी को देवी मानता है।
मेरा भारत आकाश सा बलवान है, फिर भी धरती सा धैर्यवान है।
मेरा भारत प्रेम का पुण्यलोक, अहिंसा का जन्मस्थान है लेकिन नारी का अनादर हो जाए तो हमारा बच्चा बच्चा हनुमान है।
पढ़ो हमारा इतिहास, जो हमारे मस्तक पर छपा है एक दुशासन ने हमारी बेटी का आंचल खींच लिया, हमने सौ भाइयों की चिता जला दी। एक रावण ने हमारी मां का हरण किया हमने पूरे राक्षस कुल की लंका लगा दी।
मैं उस भारत से आता हूं जो ना कभी रुका, ना झुका, ना डरा है
मैं उस भारत से आता हूं जो वीरता की वसुन्धरा है
मैं उस भारत से आता हूं जो शांति का पहला शंखनाद और मानवता का अंतिम आसरा है।
आज अपना परिचय इसलिए दिया क्योंकि प्रणाम करके परिचय देना हम भारतवासियों की परंपरा है।
Written by:
Manoj Muntashir