Dushyant Kumar – Iss Nadi Ki Dhaar Mein Thandi Hawa Aati To Hai Poetry

Dushyant Kumar – Iss Nadi Ki Dhaar Mein Thandi Hawa Aati To Hai Poetry Difficult Words: निर्वसन – बलपूर्वक निकाल देना।   इस नदी की धार में ठंडी हवा आती तो है – दुष्यंत कुमार   इस नदी की धार में ठंडी हवा आती तो है नाव जर्जर ही सही, लहरों से टकराती तो है एक चिनगारी … Read more

Dushiyant Kumar – Main Jise Odhta Bichhata Hoon Poetry

Dushiyant Kumar – Main Jise Odhta Bichhata Hoon Poetry   मैं जिसे ओढ़ता बिछाता हूँ – दुष्यंत कुमार   मैं जिसे ओढ़ता बिछाता हूँ  वो ग़ज़ल आप को सुनाता हूँ एक जंगल है तेरी आँखों में  मैं जहाँ राह भूल जाता हूँ तू किसी रेल सी गुज़रती है  मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ हर तरफ़ एतराज़ … Read more

Wo Aadmi Nahin Hai Mukammal Bayaan Hai Poetry By Dushyant Kumar

Wo Aadmi Nahin Hai Mukammal Bayaan Hai Poetry By Dushyant Kumar   वो आदमी नहीं है मुकम्मल बयान है – दुष्यंत कुमार   वो आदमी नहीं है मुकम्मल बयान है माथे पे उसके चोट का गहरा निशान है वे कर रहे हैं इश्क़ पे संजीदा गुफ़्तगू मैं क्या बताऊँ मेरा कहीं और ध्यान है सामान कुछ नहीं … Read more