Jo Nahin Mila, Ussay Bhool Jaa – Gazal | Amjad Islam Amjad | Urdu Poetry
Jo Nahin Mila, Ussay Bhool Jaa Poetry
कहाँ आके रुकने थे रास्ते
कहाँ आके रुकने थे रास्ते
कहाँ मोड़ था उसे भूल जा
जो मिल गया उसे याद रख
जो नहीं मिला उसे भूल जा।
वो तेरे नसीब की बारिशें
किसी और छत पे बरस गईं…(२)
दिले-बेख़बर मेरी बात सुन,
उसे भूल जा… उसे भूल जा।
न वो आँख ही तेरी आँख थी
न वो ख़्वाब ही तेरा ख़्वाब था
दिले मुन्तज़िर तो ये किसलिए है
तेरा जागना उसे भूल जा।
तो ये किसलिए शबे-हिज्र के
उसे हर एक तारे में देखना
वो फ़लक कि जिसपे मिले थे हम
कोई और था उसे भूल जा।
मैं तो गुम था तेरे हीं ध्यान में,
तेरी आस तेरे गुमान में
शबा कह गयी मेरे कान में
मेरे साथ आ उसे भूल जा।
जो बिसाते-जाँ ही उलट गया,
वो जो रास्ते से पलट गया,
उसे रोकने से हुसूल क्या?
उसे मत बुला उसे भूल जा।
किसी आँख में नहीं अश्क-ए-ग़म
तेरे बाद कुछ भी नहीं है कम
तुझे ज़िन्दगी ने भुला दिया
तू भी मुस्कुरा उसे भूल जा।
तुझे चाँद बन के मिला था जो,
तेरे साहिलों पे खिला था जो
वो था एक दरिया विसाल का,
सो उतर गया उसे भूल जा।
–Amjad Islam Amjad