Teri Kahani Yaad Aayi Hai Poetry Lyrics | Mohit Chauhan | The Social House Poetry

'Teri Kahani Yaad Aayi Hai' Poetry has written and performed by Mohit Chauhan on The Social House's Plateform.

Teri Kahani Yaad Aayi Hai

देकर बेवफाई का तोहफा मुझे 
देखो कैसे मुस्कुरा रही है वो 
रौंद कर मेरे दिल की दुनिया 
अपनी एक नई दुनिया बसा रही है वो 
आज इस दिल में एक मायूसी सी छाई है
फिर सालो बाद तेरी कहानी याद आई है
हर सुबह तेरा वो गुड मॉर्निंग विश करना
हर शाम तेरे साथ वो घंटों बातें करना 
एक दिन मेरा फोन ना आने पर तेरा वो बेचैन हो जाना 
तेरे उदास होने पर मेरे दिल में एक कसक सी उठ जाना 
मेरा तुझे छेड़ना और तेरा वो चिढ़कर 
‘मैं मुक्का मार दूंगी’ बोलना 
मेरी परेशानियों को तेरा वो ध्यान से सुनना 
और सुनो सब ठीक हो जाएगा कहकर मेरी हिम्मत बढ़ाना 
तेरा वो मेरे लिए फिक्र करना 
मेरी शायरी पर तेरा वो शर्म से लाल हो जाना
कभी तेरा वो नजरें चुराना 
तो कभी दांतो तले अपने नाखून चबाना 
तेरे साथ बिताए गए इन हसीन लम्हों को 
याद कर आंख मेरी भर आई है 
फिर सालों बाद तेरी कहानी याद आई है
एक वो भी दौर था 
जब तेरी हर बात में सिर्फ मेरा जिक्र था 
मेरी जिंदगी को अपनी खुशबू से महकाने वाला
तू ऐसा मेरा दोस्त था 
और फिर तेरा वो धीरे-धीरे बदल जाना 
मेरे फोन करने पर तेरा वो फोन न उठाना
तेरा वो मुझे नजरअंदाज करते जाना 
मेरे लिए तेरी उस फ़िक्र का कहीं गुम हो जाना
बेवजह छोटी-छोटी बातों पर झूठ बोलना और बहाने बनाना 
और मेरा हर रोज खुद से लड़ना और इस दिल को समझाना 
नहीं..! बदली नहीं है वो, बस थोड़ी सी परेशान है
एक दिन सब ठीक हो जाएगा 
और एक दिन अचानक बिन कुछ कहे 
तेरा मेरी जिंदगी से चले जाना 
और जिंदगी भर का दर्द दे जाना
टुटकर चाहा था मैंने तुझे वो सनम
शायद इसीलिए बदले में मिली ये बेवफाई है 
फिर सालों बाद तेरी कहानी याद आई है।
ठहर सा गया है ये वक्त तेरे जाने से 
थम सी गई है ये जिंदगी 
ना जाने किस मोड़ पर ले के आई है 
जहां भी देखता हूं जिधर भी देखता हूं 
हर तरफ बस छाई तनहाई ही तनहाई है 
फिर सालों बाद तेरी कहानी याद आई है।
                                                  – मोहित चौहान