Description:
Poem – Ye Tu To Hai, Par Tu Nahi
Author Name – Rajat Lakhina
This Is A Story Untold Of People Like You, Me And Almost Everyone Around Us Who Chose Not To Chase Thier Dreams. A Must Listen For All.
Ye Tu To Hai, Par Tu Nahi Poem
आज मेरी ‘मैं’ ने मुझसे
चुपके से बात ये कही
सुन खोलता हूं राज आज एक
ये तू तो है पर तू नहीं
है कौन तू जो बोले ऐसा
उसी पल में मैं झल्ला गया
आयी आवाज टोकने पे
आज तो पगले खुद पे ही चिल्ला गया
मैं ‘मैं’ हूं तेरी
जिसकी आवाज को तूने अंदर कहीं दबाया है अब दे जवाब,
ऐसा करके तूने आज तक क्या पाया है
जहां उड़ने की ‘jump’ कि मैंने,
मुझको धड़ल्ले से डांट दिया
प्रेक्टिकलो के चक्कर में खुद अपने ही पंखों को काट दिया
उम्मीदों की पतली सी रस्सी पर तू ऐसा झूला झूला है
ना बन पाया शर्मा जी के लल्ला जैसा
और खुद को भी तू भुला है
वो 4 लोगों की बातों में आकर
वो 4 लोगों की बातों में आकर
खुद को इतना मोड़ दिया
फिर डर से सपने देखने के
तूने सोना भी छोड़ दिया
जुनून का जब पंचर हुआ
तब मशवरो से ऐसा भर गया
कि जुनून का जब पंचर हुआ
तब मशवरों से ऐसा भर गया
मौत से डरना सिखाया था तुझको
तू जीने से क्यों डर गया
आज नाखुश है तू
और झूठी तेरी ये मुस्कान है
सच बता
सच बता… ये जो आज है तू
क्या यह तेरी पहचान है
है वक्त अभी भी दौड़ जा
तुझे फिर से सपने दिखलाऊंगा
बन जामवंत मैं तेरा परिचय
तुझसे ही करवाऊंगा
लो घड़ी फैसले की है आ गई
कर तेरे लिए जो है सही
घड़ी फैसले की है आ गई
कर तेरे लिए जो है सही
फिर ना कहना आ जा वापस
जब मैं भी रहूंगा ‘मैं’ नहीं
जब मैं भी रहूंगा ‘मैं’ नहीं….
–Rajat Lakhina