Jahaan Tum Nahi Aati Poetry By Amandeep Singh | Love Poetry

Jahaan Tum Nahi Aati मैं मिलता हूं तुमसे अक्सर वहां  जहां आजकल तुम नहीं आती हो  कोई रहता है मेरे दिल के कमरे में तुमसा  जहां आजकल तुम नहीं आती हो  वो बातें जो हमारे बीच पुल बनाती थी  जिन पर चलकर तुम मुझसे मिलने आती थी शायद वो पुल वक्त की तेज लहरों से … Read more