दूसरे शहर में | केदारनाथ सिंह
‘अकाल में सारस’ नामक कविता-संग्रह में संकलित यह हिन्दी कविता ‘दूसरे शहर में‘ संकलित हैं।
दूसरे शहर में
यही हुआ था पिछ्ली बार
यही होगा अगली बार भी
हम फिर मिलेंगे
किसी दूसरे शहर में
और ताकते रह जाएँगे
एक-दूसरे का मुँह
– केदारनाथ सिंह
Yahi hua tha pichhli baar
Yahi hoga agli baar bhi
Hum phir milenge
Kisi dusre shahar mein
Aur taakte rah jayenge
Ek-dusre ka munh.
– Kedarnath Singh