Janhit Ka Kaam – Kedarnath Singh | Hindi Kavita

जनहित का काम | केदारनाथ सिंह

'जनहित का काम' कविता केदारनाथ सिंह जी द्वारा लिखी गई एक हिन्दी कविता है। केदारनाथ सिंह जी की 'यहां से देखो' कविता संग्रह में रचित यह कविता 'जनहित का काम' भी संकलित हैं।

केदारनाथ सिंह जी की ‘यहां से देखो‘ कविता संग्रह में रचित यह कविता ‘जनहित का काम‘ भी संकलित हैं।

जनहित का काम 

वह एक अद्भुत दृश्य था
मेह बरसकर खुल चुका था
खेत जुतने को तैयार थे
एक टूटा हुआ हल मेड़ पर पड़ा था
और एक चिड़िया बार-बार बार-बार
उसे अपनी चोंच से
उठाने की कोशिश कर रही थी
मैंने देखा और मैं लौट आया
क्योंकि मुझे लगा मेरा वहाँ होना
जनहित के उस काम में
दखल देना होगा।
                                       – केदारनाथ सिंह
Wah ek adbhut drishy tha
Meh baraskar khul chuka tha
Khet jutne ko taiyaar the
Ek toota hua hal med par pada tha
Aur ek chidiya baar-baar baar-baar
Use apni chonch se
Uthaane ki koshish kar rahi thi
Maine dekha aur main laut aaya
Kyonki mujhe laga mera waha hona
Janhit ke us kaam mein
Dakhal dena hoga.
                                     – Kedarnath Singh