Khol Doon Yah Aaj Ka Din – Kedarnath Singh | Hindi Kavita
खोल दूं यह आज का दिन | केदारनाथ सिंह खोल दूं यह आज का दिन खोल दूं यह आज का दिन जिसे- मेरी देहरी के पास कोई रख गया है, एक हल्दी-रंगे ताजे दूर देशी पत्र-सा। थरथराती रोशनी में, हर संदेशे की तरह यह एक भटका संदेश भी अनपढा ही रह न जाए- सोचता हूँ … Read more