Dhoka Mujhe Diye Pe Hua Aftaab Ka – Rahat Indori | Ghazal And Shayari

Dhoka Mujhe Diye Pe Hua Aftaab Ka धोका मुझे दीये पे हुआ आफ़ताब का ज़िक्रे-शराब में भी है नशा शराब का जी चाहता है बस उसे पढ़ते ही जायें चेहरा है या वर्क है खुदा की किताब का सूरजमुखी के फूल से शायद पता चले मुँह जाने किसने चूम लिया आफ़ताब का मिट्टी तुझे सलाम की … Read more

Gulab, Khwab, Dawa, Zahar, Jaam, Kya Kya Hain – Rahat Indori | Ghazal And Shayari

Gulab, Khwab, Dawa, Zahar, Jaam, Kya Kya Hain गुलाब ख़्वाब दवा ज़हर जाम क्या-क्या है मैं आ गया हूँ बता इन्तज़ाम क्या-क्या है फक़ीर शाख़ कलन्दर इमाम क्या-क्या है तुझे पता नहीं तेरा गुलाम क्या क्या है अमीर-ए-शहर के कुछ कारोबार याद आए मैँ रात सोच रहा था हराम क्या-क्या है         … Read more

Harek Chehare Ko Zakhmon Ka Aaina Na Kaho – Rahat Indori | Ghazal And Shayari

Harek Chehare Ko Zakhmon Ka…  हरेक चहरे को ज़ख़्मों का आइना न कहो ये ज़िंदगी तो है रहमत इसे सज़ा न कहो न जाने कौन सी मजबूरियों का क़ैदी हो वो साथ छोड़ गया है तो बेवफ़ा न कहो तमाम शहर ने नेज़ों पे क्यों उछाला मुझे ये इत्तेफ़ाक़ था तुम इसको हादसा न कहो … Read more

Kaali Raaton Ko Bhi Rangeen Kaha Hai Maine – Rahat Indori | Ghazal And Shayari

  Kaali Raaton Ko Bhi Rangeen…. काली रातों को भी रंगीन कहा है मैंने तेरी हर बात पे आमीन कहा है मैंने तेरी दस्तार पे तन्कीद की हिम्मत तो नहीं अपनी पापोश को कालीन कहा है मैंने मस्लेहत कहिये इसे या के सियासत कहिये चील-कौओं को भी शाहीन कहा है मैंने ज़ायके बारहा आँखों में … Read more

Badh Gayi Hai Ke Ghat Gayi Duniya – Rahat Indori | Ghazal And Shayari

Badh Gayi Hai Ke Ghat Gayi Duniya बढ़ गयी है के घट गयी दुनिया मेरे नक़्शे से कट गयी दुनिया तितलियों में समा गया मंज़र मुट्ठियों में सिमट गयी दुनिया अपने रस्ते बनाये खुद मैंने मेरे रस्ते से हट गयी दुनिया एक नागन का ज़हर है मुझमे मुझको डस कर पलट गयी दुनिया कितने खानों … Read more

Ek Din Dekh Kar Udaas Bahut – Rahat Indori | Ghazal And Shayari

शब्दार्थ: ब-दस्त = बालिश्त, बित्ती, बित्ता। इल्तेमास = गुज़ारिश। नोहा = दुख प्रकट करना। रेज़ा = टुकड़े। ग़म-श्नास = दुख के बारे में जानकारी। लुगात = शब्दकोष। इक्तेबास = उद्धरण, कोटेशन। Ek Din Dekh Kar Udaas Bahut.. एक दिन देखकर उदास बहुत आ गए थे वो मेरे पास बहुत ख़ुद से मैं कुछ दिनों से मिल न … Read more

Kabhi Akele Me Mil Kar Jhanjhod Doonga Use – Rahat Indori | Ghazal And Shayari

Kabhi Akele Me Mil Kar Jhanjhor Doonga Use कभी अकेले में  मिल कर झंझोड़ दूंगा उसे जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूंगा उसे मुझे छोड़ गया ये कमाल है उस का इरादा मैंने किया था के छोड़ दूंगा उसे पसीने बांटता फिरता है हर तरफ सूरज कभी जो हाथ लगा तो  निचोड़ दूंगा उसे … Read more

Wafa Ko Aazmana Chahiye Tha – Rahat Indori | Ghazal And Shayari

Wafa Ko Aazmana Chahiye Tha वफ़ा को आज़माना चाहिए था, हमारा दिल दुखाना चाहिए था आना न आना मेरी मर्ज़ी है, तुमको तो बुलाना चाहिए था हमारी ख्वाहिश एक घर की थी, उसे सारा ज़माना चाहिए था मेरी आँखें कहाँ नम हुई थीं, समुन्दर को बहाना चाहिए था जहाँ पर पंहुचना मैं चाहता हूँ, वहां पे पंहुच जाना चाहिए  था हमारा ज़ख्म पुराना बहुत है, चरागर भी पुराना चाहिए था पहले वो किसी और की थी, मगर … Read more

Mauka Hai Is Baar, Roz Mana Tyohaar, Allah Badshah – Rahat Indori | Ghazal And Shayari

Mauka Hai Is Baar… मौका है इस बार, रोज़ मना त्यौहार, अल्लाह बादशाह अपनी है सरकार, सातों दिन इतवार, अल्लाह बादशाह तेरी ऊँची ज़ात, लश्कर तेरे साथ, तेरे सौ सौ हाथ तू भी है तैयार, हम भी हैं तैयार, अल्लाह बादशाह सबकी अपनी फ़ौज, ये मस्ती वो मौज, सब हैं राजा भोज शेख, मुग़ल, अंसार, … Read more

Ishq Me Jeet Ke Aane Ke Liye Kaafi Hoon – Rahat Indori | Ghazal And Shayari

Ishq Me Jeet Ke Aane Ke Liye Kaafi Hoon इश्क़ में जीत के आने के लिये काफी हूँ मैं अकेला ही ज़माने के लिये काफी हूँ हर हकीकत को मेरी ख्वाब समझने वाले मैं तेरी नींद उड़ाने के लिये काफी हूँ ये अलग बात के अब सुख चुका हूँ फिर भी धूप की प्यास बुझाने … Read more