Zindagi Jal Rahi Hai By Shivani Parashar | The Social House Poetry
Zindagi Jal Rahi Hai जिंदगी जल रही है लगता नहीं ये बात किसी को भी खल रही है माना सभी आहत है यहां किसी ना किसी बात से कोई किसी तकरार से कोई किसी इंकार से और कोई तो बस प्यार से मेरे साथ ये हुआ, मुझे वो नहीं मिला मुझे ये मिला तो मुझे … Read more