Badh Gayi Hai Ke Ghat Gayi Duniya – Rahat Indori | Ghazal And Shayari

Badh Gayi Hai Ke Ghat Gayi Duniya बढ़ गयी है के घट गयी दुनिया मेरे नक़्शे से कट गयी दुनिया तितलियों में समा गया मंज़र मुट्ठियों में सिमट गयी दुनिया अपने रस्ते बनाये खुद मैंने मेरे रस्ते से हट गयी दुनिया एक नागन का ज़हर है मुझमे मुझको डस कर पलट गयी दुनिया कितने खानों … Read more

Ek Din Dekh Kar Udaas Bahut – Rahat Indori | Ghazal And Shayari

शब्दार्थ: ब-दस्त = बालिश्त, बित्ती, बित्ता। इल्तेमास = गुज़ारिश। नोहा = दुख प्रकट करना। रेज़ा = टुकड़े। ग़म-श्नास = दुख के बारे में जानकारी। लुगात = शब्दकोष। इक्तेबास = उद्धरण, कोटेशन। Ek Din Dekh Kar Udaas Bahut.. एक दिन देखकर उदास बहुत आ गए थे वो मेरे पास बहुत ख़ुद से मैं कुछ दिनों से मिल न … Read more

Kabhi Akele Me Mil Kar Jhanjhod Doonga Use – Rahat Indori | Ghazal And Shayari

Kabhi Akele Me Mil Kar Jhanjhor Doonga Use कभी अकेले में  मिल कर झंझोड़ दूंगा उसे जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूंगा उसे मुझे छोड़ गया ये कमाल है उस का इरादा मैंने किया था के छोड़ दूंगा उसे पसीने बांटता फिरता है हर तरफ सूरज कभी जो हाथ लगा तो  निचोड़ दूंगा उसे … Read more

Wafa Ko Aazmana Chahiye Tha – Rahat Indori | Ghazal And Shayari

Wafa Ko Aazmana Chahiye Tha वफ़ा को आज़माना चाहिए था, हमारा दिल दुखाना चाहिए था आना न आना मेरी मर्ज़ी है, तुमको तो बुलाना चाहिए था हमारी ख्वाहिश एक घर की थी, उसे सारा ज़माना चाहिए था मेरी आँखें कहाँ नम हुई थीं, समुन्दर को बहाना चाहिए था जहाँ पर पंहुचना मैं चाहता हूँ, वहां पे पंहुच जाना चाहिए  था हमारा ज़ख्म पुराना बहुत है, चरागर भी पुराना चाहिए था पहले वो किसी और की थी, मगर … Read more

Mauka Hai Is Baar, Roz Mana Tyohaar, Allah Badshah – Rahat Indori | Ghazal And Shayari

Mauka Hai Is Baar… मौका है इस बार, रोज़ मना त्यौहार, अल्लाह बादशाह अपनी है सरकार, सातों दिन इतवार, अल्लाह बादशाह तेरी ऊँची ज़ात, लश्कर तेरे साथ, तेरे सौ सौ हाथ तू भी है तैयार, हम भी हैं तैयार, अल्लाह बादशाह सबकी अपनी फ़ौज, ये मस्ती वो मौज, सब हैं राजा भोज शेख, मुग़ल, अंसार, … Read more

Ishq Me Jeet Ke Aane Ke Liye Kaafi Hoon – Rahat Indori | Ghazal And Shayari

Ishq Me Jeet Ke Aane Ke Liye Kaafi Hoon इश्क़ में जीत के आने के लिये काफी हूँ मैं अकेला ही ज़माने के लिये काफी हूँ हर हकीकत को मेरी ख्वाब समझने वाले मैं तेरी नींद उड़ाने के लिये काफी हूँ ये अलग बात के अब सुख चुका हूँ फिर भी धूप की प्यास बुझाने … Read more

Sula Chuki Thi Ye Duniya Thapak Thapak Ke Mujhe – Rahat Indori | Ghazal And Shayari

Sula Chuki Thi Ye Duniya Thapak Thapak Ke Mujhe सुला चुकी थी ये दुनिया थपक थपक के मुझे जगा दिया तेरी पाज़ेब ने खनक के मुझे कोई बताये के मैं इसका क्या इलाज करूँ परेशां करता है ये दिल धड़क धड़क के मुझे ताल्लुकात में कैसे दरार पड़ती है दिखा दिया किसी कमज़र्फ ने छलक … Read more

Mom Ke Paas Kabhi Aag Ko Laakar Dekhoon – Rahat Indori | Ghazal And Shayari

  Mom Ke Paas Kabhi Aag Ko… मौम के पास कभी आग को लाकर देखूँ सोचता हूँ के तुझे हाथ लगा कर देखूँ कभी चुपके से चला आऊँ तेरी खिलवत में और तुझे तेरी निगाहों से बचा कर देखूँ मैने देखा है ज़माने को शराबें पी कर दम निकल जाये अगर होश में आकर देखूँ … Read more

Hawa khud ab ke hawa ke khilaf hai, Jaani – Rahat Indori | Ghazal And Shayari

शब्दार्थ: ऐतराफ – मानना; इकरार करना; शरायत – शरीर लिहाफ – सर्दियों के दिनों में सोते समय ओढ़ने की रूईदार भारी और मोटी रजाई। इख्तिलाफ – मतभेद मुआफ  – माफ़ असास – नींव शीन-काफ – यह एक उर्दू साहित्यकार थे जिनका पुरा नाम ‘शीन-काफ-निजाम़‘ है। इनका जन्म 26 नवंबर सन् 1947 में जोधपुर (राजस्थान) में हुआ था। … Read more

Ajnabi Khwaahishein Seene Me Daba Bhi Na Sakoon – Rahat Indori | Ghazal And Shayari

  Ajnabi Khwaahishein Seene Me…. अजनबी ख्वाहिशें सीने में दबा भी न सकूँ ऐसे जिद्दी हैं परिंदे के उड़ा भी न सकूँ फूँक डालूँगा किसी रोज ये दिल की दुनिया ये तेरा खत तो नहीं है कि जला भी न सकूँ मेरी गैरत भी कोई शय है कि महफ़िल में मुझे उसने इस तरह बुलाया … Read more