Masjidon Ke Sahan Tak Jana Bahut Dushwar Tha – Rahat Indori | Ghazal Poetry
Difficult Words: दार = फांसी घर। दरख़्त = पेड़, वृक्ष। Masjidon Ke Sahan Tak Jana Bahut Dushwar Tha मस्जिदों के सहन तक जाना बहुत दुश्वार थादेर से निकला तो मेरे रास्ते में दार था अपने ही फैलाओ के नशे में खोया था दरख़्तऔर हर मासूम टहनी पर फलों का भार था देखते ही देखते शहरों की रौनक़ … Read more