Dr. Rahat Indori – Raste Mein Fir Wahi Pairon Ka Chakkar Aa Gaya | Ghazal

Raste Mein Fir Wahi… रास्ते में फिर वही पैरों का चक्कर आ गया जनवरी गुज़रा नहीं था और दिसंबर आ गया  ये शरारत है, सियासत है, के है साज़िश कोई शाख़ पर फल आयें इससे पहले पत्थर आ गया मैने कुछ पानी बचा रखा था अपनी आँख में  एक समंदर अपने सूखे होंठ लेकर आ … Read more

Raah Mein Khatre Bhi Hain Lekin Thaharta Kaun Hai By Rahat Indori | Ghazal

About This Ghazal:- This is very beautiful Ghazal ‘Raah Mein Khatre Bhi Hain Lekin Thaharta Kaun Hai‘ written by Rahat Indori. Raah Mein Khatre Bhi Hain Lekin Thaharta Kaun Hai राह में ख़तरे भी हैं लेकिन ठहरता कौन हैमौत कल आती है आज आ जाए डरता कौन है सब ही अपनी तेजगामी के नशे में चूर हैंलाख़ आवाज़ें … Read more

Chalte Phirate Hue Mahtaab Dikhayenge Tumhe – Rahat Indori | Ghazal & Poetry

About This Ghazal:– This is very beautiful Ghazal ‘Chalte Phirate Hue Mahtaab Dikhayenge Tumhe’ written by Rahat Indori.  Chalte Phirate Hue Mahtaab Dikhayenge Tumhe  Chalte phirte hue mehtaab dikhayenge tumhe Humse milna kabhi Punjab dikhayenge tumhe Chaand har chhat pe hai suraj hai har ek aangan mein Neend se jaago to kuch khwaab dikhayenge tumhe … Read more

Ye Sard Raaten Bhi Ban Kar Abhi Dhuan udd Jaayen – Rahat Indori | Ghazal And Shayari

Ye Sard Raaten Bhi Ban Kar Abhi Dhuan udd Jaayen  ये सर्द रातें भी बन कर अभी धुआँ उड़ जाएँ वो इक लिहाफ़ मैं ओढूँ तो सर्दियाँ उड़ जाएँ ख़ुदा का शुक्र कि मेरा मकाँ सलामत है हैं उतनी तेज़ हवाएँ कि बस्तियाँ उड़ जाएँ ज़मीं से एक तअल्लुक़ ने बाँध रक्खा है बदन में … Read more

Hazar Pardo Me Khud Ko Chhupa Ke Baith Magar – Rahat Indori | Ghazal And Shayari

 Hazar Pardo Me Khud Ko Chhupa Ke Baith Magar  हजा़र पर्दों में खु़द को छुपा के बैठ मगर,तुझे कभी न कभी बेनक़ाब कर दूँगा मुझे यकीं है कि महफि़ल की रोशनी हूँ मैं,उन्हें ये खौफ कि महफि़ल ख़राब कर दूँगा मुझे गिलास के अन्दर ही कै़द रख वर्ना,मैं सारे शहर का पानी शराब कर दूँगा … Read more

Nadi Ne Dhoop Se Kya Kah Diya Rawani Me By Rahat Indori | Ghazal & Poetry

Difficult Words: रवानी = रवाना होना, बहाव। गिरानी = महंगाई ।  Nadi Ne Dhoop Se Kya Kah Diya Rawani Me  नदी ने धूप से क्या कह दिया रवानी मेंउजाले पाँव पटकने लगे हैं पानी में ये कोई और ही किरदार है तुम्हारी तरहतुम्हारा ज़िक्र नहीं है मेरी कहानी में अब इतनी सारी शबों का हिसाब कौन रखेबड़े … Read more

Jo Mera Dost Bhi Hai, Mera Hamnawa Bhi Hai By Rahat Indori | Ghazal

Difficult Words: बेनियाज़ – जिसे किसी से कुछ लेने की इच्छा नहीं होती, निःस्पृह । Jo Mera Dost Bhi Hai, Mera Hamnawa Bhi Hai जो मेरा दोस्त भी है, मेरा हमनवा भी है वो शख्स, सिर्फ भला ही नहीं, बुरा भी है मैं पूजता हूँ जिसे, उससे बेनियाज़ भी हूँ मेरी नज़र में वो पत्थर भी … Read more

Beemar Ko Marz Ki Dawa Deni Chahiye – Rahat Indori | Ghazal Poetry

Credit: Poetry Title – Beemar Ko Marz Ki Dawa Deni Chahiye Written By – Rahat Indori Difficult Words: 1) जब्र = मजबूरी 2) ताईद = समर्थन, तरफदारी    Beemar Ko Marz Ki Dawa Deni Chahiye   बीमार को मर्ज़ की दवा देनी चाहिएवो पीना चाहता है पिला देनी चाहिए अल्लाह बरकतों से नवाज़ेगा इश्क़ मेंहै जितनी पूँजी पास लगा देनी … Read more

Samandaron Me Muaafik Hawa Chalaata Hain – Rahat Indori | Ghazal Poetry

  Difficult Words: मुआफिक = इच्छानुसार Samandaron Me Muaafik Hawa Chalaata Hain समन्दरों में मुआफिक हवा चलाता हैजहाज़ खुद नहीं चलते खुदा चलाता है ये जा के मील के पत्थर पे कोई लिख आयेवो हम नहीं हैं, जिन्हें रास्ता चलाता है वो पाँच वक़्त नज़र आता है नमाजों मेंमगर सुना है कि शब को जुआ चलाता … Read more

Aankh Pyaasi Hai Koi Manzar De – Rahat Indori | Ghazal & Poetry

Difficult Words: जज़ीरे – द्वीप हयात – ज़िंदगी, जीवन।   Aankh Pyaasi Hai Koi Manzar De   आँख प्यासी है कोई मन्ज़र देइस जज़ीरे को भी समन्दर दे अपना चेहरा तलाश करना हैगर नहीं आइना तो पत्थर दे बन्द कलियों को चाहिये शबनमइन चिराग़ों में रोशनी भर दे पत्थरों के सरों से कर्ज़ उतारइस सदी को कोई … Read more