Wah – Kedarnath Singh | Hindi Kavita
वह | केदारनाथ सिंह ‘अकाल में सारस’ नामक कविता-संग्रह में संकलित यह हिन्दी कविता ‘वह‘ भी सम्मिलित हैं। वह इतने दिनों के बाद वह इस समय ठीक मेरे सामने है न कुछ कहना न सुनना न पाना न खोना सिर्फ आँखों के आगे एक परिचित चेहरे का होना होना – इतना ही काफी है बस इतने … Read more