Na Hone Ki Gandh – Kedarnath Singh | Hindi Kavita
न होने की गंध | केदारनाथ सिंह ‘न होने की गंध’ कविता केदारनाथ सिंह जी द्वारा रचित एक हिन्दी कविता है जो ‘अकाल में सारस‘ नामक कविता-संग्रह में संकलित हैं। न होने की गंध अब कुछ नहीं था सिर्फ हम लौट रहे थे इतने सारे लोग सिर झुकाए हुए चुपचाप लौट रहे थे उसे नदी को … Read more