Use Ab Ke Wafaon Se Guzar Jaane Ki Jaldi Thi – Rahat Indori | Ghazal And Shayari

Use Ab Ke Wafaon Se… उसे अब के वफाओं से गुजर जाने की जल्दी थी मगर इस बार मुझ को अपने घर जाने की जल्दी थी इरादा था कि मैं कुछ देर तूफाँ का मज़ा लेता मगर बेचारे दरिया को उतर जाने की जल्दी थी मैं अपनी मुट्ठियों मैं क़ैद कर लेता ज़मीनों को मगर … Read more

Ise Saman-e-safar Jaan Ye Jugnu Rakh Le – Rahat Indori | Ghazal And Shayari

Ise Saman-e-safar Jaan Ye… इसे सामान-ए-सफर जान ये जुगनू रख ले राह में तीरगी होगी मेरे आँसू रख ले तु जो चाहे तो तेरा झूट भी बिक सकता है शर्त इतनी है कि सोने की तराजू रख ले वो कोई जिस्म नहीं है की उसे छू भी सकें हाँ अगर नाम ही रखना है तो … Read more

Zindagi Ko Zakham Ki Lazzat Se Mat Mehroom Kar – Rahat Indori | Ghazal and Shayari

शब्दार्थ: लज़्ज़त – ज़ायका, स्वाद। मंजूम – छंदोबद्ध, नज्म की सूरत में लाया हुआ, छंद के रूप में परिवर्तित किया हुआ। बर्छियों – एक प्रकार का नुकीला अस्त्र, भाला। Zindagi Ko Zakham Ki Lazzat… ज़िंदगी को जख्म की लज़्ज़त से मत महरूम कर रास्ते के पत्थरों से खैरियत मालूम कर टूट कर बिखरी हुई तलवार के टुकड़े समेट … Read more

Aankh Mein Paani Rakho Hoton Pe Chingaari Rakho – Rahat Indori | Ghazal and Shayari

  Aankh mein paani rakho… आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो राह के पत्थर से बढ़ कर कुछ नहीं हैं मंज़िलें रास्ते आवाज़ देते हैं सफ़र जारी रखो एक ही नदी के हैं ये दो किनारे दोस्तो दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो आते … Read more

Dr. Rahat Indori – Raste Mein Fir Wahi Pairon Ka Chakkar Aa Gaya | Ghazal

Raste Mein Fir Wahi… रास्ते में फिर वही पैरों का चक्कर आ गया जनवरी गुज़रा नहीं था और दिसंबर आ गया  ये शरारत है, सियासत है, के है साज़िश कोई शाख़ पर फल आयें इससे पहले पत्थर आ गया मैने कुछ पानी बचा रखा था अपनी आँख में  एक समंदर अपने सूखे होंठ लेकर आ … Read more

Raah Mein Khatre Bhi Hain Lekin Thaharta Kaun Hai By Rahat Indori | Ghazal

About This Ghazal:- This is very beautiful Ghazal ‘Raah Mein Khatre Bhi Hain Lekin Thaharta Kaun Hai‘ written by Rahat Indori. Raah Mein Khatre Bhi Hain Lekin Thaharta Kaun Hai राह में ख़तरे भी हैं लेकिन ठहरता कौन हैमौत कल आती है आज आ जाए डरता कौन है सब ही अपनी तेजगामी के नशे में चूर हैंलाख़ आवाज़ें … Read more

Chalte Phirate Hue Mahtaab Dikhayenge Tumhe – Rahat Indori | Ghazal & Poetry

About This Ghazal:– This is very beautiful Ghazal ‘Chalte Phirate Hue Mahtaab Dikhayenge Tumhe’ written by Rahat Indori.  Chalte Phirate Hue Mahtaab Dikhayenge Tumhe  Chalte phirte hue mehtaab dikhayenge tumhe Humse milna kabhi Punjab dikhayenge tumhe Chaand har chhat pe hai suraj hai har ek aangan mein Neend se jaago to kuch khwaab dikhayenge tumhe … Read more

Ye Sard Raaten Bhi Ban Kar Abhi Dhuan udd Jaayen – Rahat Indori | Ghazal And Shayari

Ye Sard Raaten Bhi Ban Kar Abhi Dhuan udd Jaayen  ये सर्द रातें भी बन कर अभी धुआँ उड़ जाएँ वो इक लिहाफ़ मैं ओढूँ तो सर्दियाँ उड़ जाएँ ख़ुदा का शुक्र कि मेरा मकाँ सलामत है हैं उतनी तेज़ हवाएँ कि बस्तियाँ उड़ जाएँ ज़मीं से एक तअल्लुक़ ने बाँध रक्खा है बदन में … Read more

Hazar Pardo Me Khud Ko Chhupa Ke Baith Magar – Rahat Indori | Ghazal And Shayari

 Hazar Pardo Me Khud Ko Chhupa Ke Baith Magar  हजा़र पर्दों में खु़द को छुपा के बैठ मगर,तुझे कभी न कभी बेनक़ाब कर दूँगा मुझे यकीं है कि महफि़ल की रोशनी हूँ मैं,उन्हें ये खौफ कि महफि़ल ख़राब कर दूँगा मुझे गिलास के अन्दर ही कै़द रख वर्ना,मैं सारे शहर का पानी शराब कर दूँगा … Read more

Nadi Ne Dhoop Se Kya Kah Diya Rawani Me By Rahat Indori | Ghazal & Poetry

Difficult Words: रवानी = रवाना होना, बहाव। गिरानी = महंगाई ।  Nadi Ne Dhoop Se Kya Kah Diya Rawani Me  नदी ने धूप से क्या कह दिया रवानी मेंउजाले पाँव पटकने लगे हैं पानी में ये कोई और ही किरदार है तुम्हारी तरहतुम्हारा ज़िक्र नहीं है मेरी कहानी में अब इतनी सारी शबों का हिसाब कौन रखेबड़े … Read more