Pyaar, Pizza aur Proposal Poetry Lyrics | Nidhi | Love Story | The Social House Poetry

Pyaar, Pizza aur Proposal ये बात एक इतवार की है मेरे ताजे ताजे प्यार की है उसने मुझे date पे बुलाया था और पूरे दिन का प्लान भी समझाया था  यूं तो मिले हम पहले भी कई बार थे  पर इससे पहले हम सिर्फ, बस only अच्छे यार थे उस दिन सजने में मैने पूरा … Read more

Aakhiri Kitaab Poetry Lyrics | Niraj Nidan | The Social House Poetry 

Difficult Word: कोर चश्मि – अंधापन Aakhiri Kitaab गौर से सुनना ग़ज़लें मेरी अगर जानना है मुझे मैं शायर हूँ  चेहरे से थोड़ा कम समझ में आता हूँ। तेरे होंठों पे रखा होंठ तो ये मालूम हुआ  कि इश्क़ और शहद में ज़रा भी फर्क नहीं  मेरा तन महक जाए ऐसा इत्र ही कहा है … Read more

Ishq Kuch Kam Raha Poem Lyrics | Chanchal Garg | The Social House Poetry

Ishq Kuch Kam Raha | Chanchal Garg   Ishq Kuch Kam Raha  एक लफ्ज़ शायद कम रहा हमें तो नहीं, उसे ये वहम रहा उसके एक अक्श पर अपनी हर मुस्कान लुटाते रहे  फिर भी उसकी निगाह में  उसका इक्तयार हम पर कुछ कम रहा  तसल्ली दी उसे हर घबराहट में कुछ कसके समेट के  … Read more

Hisaab-e-Mohabbat Poetry Lyrics by Shalvi Singh | Love Poetry | The Social House Poetry

Hisaab-e-Mohabbat | Shalvi Singh   शब्दार्थ   तहरीर – लिखावट, लिखाई, लिखी हुई बात। नफ़ी – मना करना, इनकार करना, घटाना, मना करना। मलामत-ए-जफ़ा – अत्याचार की निंदा। Hisaab-e-Mohabbat सुनो आज कुछ हिसाब कर लेते हैं तुम कहो तो लफ़्ज़ों की तहरीर कर लेते है चलो आज हिसाब-ए-मोहब्बत कर लेतें है चलो आज हिसाब-ए-मोहब्बत कर लेतें … Read more

Tum Nahi Jaanti Poetry By Manhar Seth | Love Poetry | The Social House Poetry

Tum Nahi Jaanti | Manhar Seth Tum Nahi Jaanti मुझसे इश्क़ करते हुए घबराए पहले तुम्हीं थे हमारी मोहब्बत में शर्माए पहले तुम्हीं थे  और ये माना कि तुझे बाहों में पहले मैने भरा था  पर मेरे होठों के पास आए पहले तुम्हीं थे  तुम नहीं जानती तुम नहीं जानती कि वो रातों को उठना  … Read more

Usey Pasand Hai by Nidhi Narwal | Love Poetry | The Social House Poetry

Usey Pasand Hai Poem | Nidhi Narwal    शब्दार्थ   पायाब – कम गहरे Usey Pasand Hai Poetry  “दुपट्टा क्या अटका सांकल में  कमबख्त लगा दर पर तुम खड़े हो।” “कुछ जख्म़ अब पायाब है  कुछ है अभी ताजे ही,  खिड़कियों से तो अब भी झाकने आ जाता है वो बंद दिखते हैं उसके बस दरवाजे।” … Read more

Adhura Pyar Poetry | Sameeksha Dubey | The Social House Poetry

Adhura Pyar Poetry | Sameeksha Dubey | The Social House Poetry  Adhura Pyar Poetry  खुद की तलाश में खुद को मीलो भटकाया करती हूं  बस इसी बहाने जिंदगी का कुछ हिसाब चुकाया करती हूं अभी अभी तो पर फैलाए हैं  अभी तो लंबी उड़ान की तैयारी है  इससे आगे मेरी नहीं मेरे अल्फाजों की बारी … Read more

Tere Jane Ke Baad by Shriya | Heartbreak | The Social House Poetry

Tere Jane Ke Baad by Shriya | Heartbreak | The Social House Poetry Tere Jane Ke Baad मत पूछ हमसे की क्यो नही सवालात किए तुझसे तेरे चले जाने पर  क्योंकि इस बात से तो हम भी वाकिफ थे  कि हमसे बेहतर इश्क़ के हकदार हो तुम  यूं तो मैं हजारों लफ्ज़ तुम्हारी तारीफ में … Read more

मिन्नतों वाली मोहब्बत By Saurabh Shukla | The Social House Poetry

मिन्नतों वाली मोहब्बत By Saurabh Shukla | The Social House Poetry मिन्नतों वाली मोहब्बत Poetry वो मेरा पहली नजर का प्यार था मैं उसकी मिन्नतों वाली मोहब्बत वो मेरा हर्फ़-ए-गुलजार था मैं उसकी मंटो वाली बगावत उसने हां कर दिया मैं उसका हकदार हो गया मुझे लगा शायद उसको भी मुझसे प्यार हो गया पहले … Read more

Baithe Baithe Muskurane Lage | Arman Ahmad | The Social House Poetry

Baithe Baithe Muskurane Lage By Arman Ahmad  Baithe Baithe Muskurane Lage  एक वसीम बरेलवी साहब का एक शेर है   “तूफान आते हैं आने दो  मेरा क्या ले जाएंगे  तूफान आते हैं आने दो  मेरा क्या ले जाएंगे  मैं तो जब डरता, की मेरा हौसला ले जायेंगे।”  बैठे बैठे ही हम मुस्कुराने लगे  तेरी सूरत चांद … Read more