Aashiq Ka Attitude by Gurpreet Singh Bansal | The Social House Poetry
Aashiq Ka Attitude – Gurpreet Singh Bansal Aashiq Ka Attitude Portry कह रही थी मुझसे उसकी सखी वो खुद को कहती है अन-लकी हो गई वो हक्की बक्की, जानू देखकर तेरी तरक्की दिल में दर्द जुबां पर इल्जाम है तेरे दिए जख्मों से पाया ये मुकाम है कि मेरे चेहरे पर रुतबा और हाथों … Read more